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New UPSIDA Ghaziabad News By Uttar Pradesh Government उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्योगों के लिए 25,000 एकड़ जमीन ली है।

Updated: Sep 20


UPSIDA Ghaziabad News

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने, रोजगार के अवसर बनाने और राज्य को 2027 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य से ग्रामीण इलाकों में छोटे-छोटे औद्योगिक क्लस्टर बनाने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत, ग्राम सभा की जमीन को औद्योगिक विभाग को दे दी जाएगी ताकि इसे स्थानीय सर्कल दरों पर आवंटित किया जा सके। राज्य सरकार 100% स्टांप शुल्क माफी और अन्य प्रोत्साहन योजनाओं के जरिए ग्रामीण इलाकों में 25,000 नई इकाइयां स्थापित करना चाहती है। इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर रोजगार देकर और MSME (छोटे और मझोले उद्योग) के विकास को बढ़ावा देकर गांव से युवाओं का पलायन रोकना है। इसके तहत, ग्राम समितियां भी बंजर और खेती योग्य जमीन की जानकारी जिला प्रशासन को दे सकेंगी ताकि वह उद्योगों को जमीन आवंटित कर सके।


इसके लिए यूपी राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) ने 75 जिलों में करीब 25,000 एकड़ जमीन ली है, जिससे जल्दी से जमीन का आवंटन किया जा सके। UPSIDA ने पारदर्शिता के लिए प्लॉट्स की ई-नीलामी शुरू कर दी है, यानी अब ज़्यादातर प्लॉट्स केवल ऑनलाइन नीलामी से आवंटित किए जाते हैं। इस प्रक्रिया से प्लॉट आवंटन में वृद्धि हुई है और राज्य का राजस्व भी दोगुना हो गया है।


हाल ही में, UPSIDA ने ललितपुर जिले में बल्क ड्रग पार्क के विकास के लिए 1,470 एकड़ जमीन दी है। यह परियोजना राज्य को दक्षिण एशिया में फार्मास्यूटिकल्स और मेडिकल उपकरणों का प्रमुख केंद्र बनाने की ओर बढ़ रही है। UPSIDA के एक अधिकारी के मुताबिक, हाथरस, हरदोई, प्रयागराज, लखनऊ, रायबरेली, बाराबंकी, चित्रकूट और अन्य जिलों में भी जमीन ली गई है। ट्रोनिका सिटी में भी लगभग 550 एकड़ जमीन उपलब्ध है, जिसे जल्द ही आवंटित किया जाएगा। UPSIDA औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी और सुरक्षित औद्योगिक परियोजनाओं के तहत महिला केंद्रित सुविधाओं का भी निर्माण कर रहा है।


उत्तर प्रदेश के MSME उद्योग राज्य के वार्षिक औद्योगिक उत्पादन में 60% का योगदान करते हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार का लक्ष्य MSME निर्यात को दोगुना कर 3 ट्रिलियन रुपये तक पहुंचाना है। राज्य अपने पारंपरिक उद्योगों के लिए जाना जाता है जैसे बनारस की बनारसी साड़ी, भदोही के कालीन, लखनऊ की चिकनकारी, कानपुर का चमड़ा, आगरा के जूते, अलीगढ़ के ताले, मुरादाबाद के पीतल के बर्तन, मेरठ के खेल के सामान और सहारनपुर के लकड़ी के उत्पाद। इन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' (ODOP) योजना पहले से चल रही है, जिससे स्थानीय व्यापारियों को काफी लाभ हुआ है।







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